माउंट आबू :- माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है। माउंट आबू को राजस्थान का स्वर्ग भी माना जाता है। माउंट आबू में अनेक पर्यटन स्थल हैं। माउंट आबू हिन्दू और जैन धर्म का प्रमुख तीर्थस्थल है। माउंट आबू के ऐतिहासिक मंदिर और प्राकृतिक ख़ूबसूरती पर्यटको को अपनी ओर खींचती है।
इनमें कुछ पर्यटन स्थल शहर से दूर हैं तो कुछ शहर के आसपास ही हैं। माउंट आबू दर्शन के लिए पर्यटन विभाग द्वारा निजी बस ऑपरेटरों द्वारा साइटसीन टूर चलाए जाते हैं। ये टूर आधे दिन के होते हैं। वैसे जीप या टैक्सी द्वारा भी आबू भ्रमण किया जा सकता है। राजस्थान पर्यटन का कार्यालय बस स्टैंड के सामने है। जहाँ से यहाँ की पूरी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। शहर के अंदर या पास के स्थान पैदल घूमते जा सकते हैं। कंडक्टेड टूर में हर स्थान पर सीमित समय ही दिया जाता है।
एक पौराणिक मान्यता के मुताबिक देवताओं में सबसे पहले पूजे जाने वाले भगवान गणेश का जन्म माउंटआबू में हुआ था और माता पार्वती ने अर्बुद पर्वत के इशान शिखर पर बैठकर पुत्र की कामना के लिए पुन्यंक नामक व्रत किया था। एक पौराणिक मान्यता के मुताबिक स्कन्द पुराण के अर्बुद खंड के मुताबिक गौरी शिखर पर्वत पर भगवान गणेश का जन्म हुआ था। गौरी शिखर यानि अर्बुद पर्वत और भगवान गणेश के जन्म स्थान पर बना मंदिर और उनकी निशानियां आज भी मौजूद हैं।
माउंटआबू के अर्बुद पर्वत सहित अरावली पर्वत के सभी धर्म ग्रंथों में देवी देवताओं के निवास स्थान होने का उल्लेख है। स्कन्द पुराण के तीसरे अध्याय में अर्बुद खंड के अनुसार माउंटआबू के गौरी शिखर जिसे अब गुरु शिखर कहते हैं भगवान गणेश के जन्म होने के प्रमाण मिलते हैं।
यहां की साल भर रहने वाली हरियाली पर्यटकों को ख़ासी भाती है। इसका निर्माण झील के आसपास हुआ है और चारों ओर से यह पर्वतीय क्षेत्र जंगलों से घिरा है।
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