गुलमर्ग : सुंदरता के कारण इसे धरती का स्वर्ग भी कहा जाता है ।
गुलमर्ग कश्मीर का एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। इसकी सुंदरता के कारण इसे धरती का स्वर्ग भी कहा जाता है।
भारत के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक हैं। फूलों के प्रदेश के नाम से मशहूर यह स्थान बारामूला जिले में स्थित है। यहां के हरे भरे ढलान सैलानियों को अपनी ओर खींचते हैं। समुद्र तल से 2730 मी. की ऊंचाई पर बसे गुलमर्ग में सर्दी के मौसम के दौरान यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं।
गुलमर्ग की स्थापना अंग्रेजों ने 1927 में अपने शासनकाल के दौरान की थी। गुलमर्ग का असली नाम गौरीमर्ग था जो यहां के चरवाहों ने इसे दिया था। 16वीं शताब्दी में सुल्तान युसुफ शाह ने इसका नाम गुलमर्ग रखा। आज यह सिर्फ पहाड़ों का शहर नहीं है, बल्कि यहां विश्व का सबसे बड़ा गोल्फ कोर्स और देश का प्रमुख स्कींग रिजॉर्ट है।
गोल्फ कोर्स :» गुलमर्ग के गोल्फ कोर्स विश्व के सबसे बड़े और हरे भरे गोल्फ कोर्स में से एक है। अंग्रेज यहां अपनी छुट्टियाँ बिताने आते थे। उन्होंने ही गोल्फ के शौकीनों के लिए 1904 में इन गोल्फ कोर्स की स्थापना की थी।
स्कींग रिजॉर्ट :» स्कींग में रुचि रखने वालों के लिए गुलमर्ग देश का नहीं बल्कि इसकी गिनती विश्व के सर्वोत्तम स्कींग रिजॉर्ट में की जाती है। दिसंबर में बर्फ गिरने के बाद यहां बड़ी संख्या में पर्यटक स्कींग करने आते हैं। यहां स्कींग करने के लिए ढ़लानों पर स्कींग करने का अनुभव होना चाहिए। जो लोग स्कींग सीखना शुरु कर रहे हैं, उनके लिए भी यह सही जगह है। यहां स्कींग की सभी सुविधाएं और अच्छे प्रशिक्षक भी मौजूद हैं।
खिलनमर्ग :» खिलनमर्ग गुलमर्ग के आंचल में बसी एक खूबसूरत घाटी है। यहां के हरे मैदानों में जंगली फूलों का सौंदर्य देखते ही बनता है। खिलनमर्ग से बर्फ से ढ़के हिमालय और कश्मीर घाटी का अदभूत नजारा देखा जा सकता है।
अलपाथर झील :» अलपाथर झील गुलमर्ग से 13 कि.मी दूर है चीड़ और देवदार के पेड़ों से घिरी यह झील अफरवात चोटी के नीचे स्थित है। और यह गुलमर्ग का पर्यटक स्थल भी है। इस झील की खासियत यह है कि, जून तक इसमें बर्फ जमी रहती है और गर्मियों में इसका पानी बर्फ के टुकडो संग निंगली नल्लाह में बहने लगता है। इस झील के आस पास बर्फ से ढक्की पहाडियाँ इसे और भी आकर्षक बनती है।
गोंडोला राईड :» गोंडोला राईड जो कि केबल कार है, गुलमर्ग का प्रमुख आकर्षक स्थल है। यह दो पांच कि.मी लम्बी राईड है, गुलमर्ग से कौंगडोर और कौंगडोर से अफरात। इस राईड में आप पूरे हिमालय पर्वत और गोंडोला गाँव को देख सकते हैं। कौंगडोर का गोंडोला स्टेशन 3099 मीटर और अफरात 3979 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। गोंडोला राईड भ्रमण के लिए बहुत ही बढिया साधन है।
दृंग :» दृंग की खोज हाल ही में हुई है, गुलमर्ग का सबसे बढिया पिकनिक स्पॉट है। सैलानी यहाँ कि खूबसूरती के साथ - साथ मछली पकड़ने का भी लुफ्त उठा सकते हैं। लिंमर्ग, गुलमर्ग का एक और पर्यटक स्थल है, जो अपनी प्राकृतिक सौन्दर्यता के लिए प्रसिद्ध है। देवदार के पेडों और सुन्दर फूलों से ढक्का यह प्रदेश कैम्पिंग और पर्यटक के लिए उत्तम स्थल हैं।
निंगली नल्लाह :» गुलमर्ग से आठ किमी दूर स्थित निंगली नल्लाह एक धारा है जो अफरात चोटी से पिघली बर्फ और अलपाथर झील के पानी से बनी है। यह सफेद धारा घाटी में गिरती है और अंतत: झेलम नदी में मिलती है। घाटी के साथ बहती यह धारा गुलमर्ग का एक प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट है।
बाबा रेशी की जियारत/बाबा रेशी की दरगाह :» यह मुसलमानों का एक प्रमुख धार्मिक केंद्र है। यह जियारत एक प्रसिद्ध मुस्लिम संत की याद में बनाई गई है जिनका इंतकाल 1480 में हुआ था। सन्यास लेने से पहले वे कश्मीर के राजा जिया-उल-अबिदीन के दरबारी थे। प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं।
गुलमर्ग जाने का सबसे अच्छा समय
वैसे तो सैलानी साल के किसी भी मौसम में गुलमर्ग घूमने जा सकते हैं। पर गुलमर्ग की खूबसूरती देखने का सबसे बढिया समय मार्च और अक्टूबर के बीच है।
गुलमर्ग कश्मीर का एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। इसकी सुंदरता के कारण इसे धरती का स्वर्ग भी कहा जाता है।
भारत के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक हैं। फूलों के प्रदेश के नाम से मशहूर यह स्थान बारामूला जिले में स्थित है। यहां के हरे भरे ढलान सैलानियों को अपनी ओर खींचते हैं। समुद्र तल से 2730 मी. की ऊंचाई पर बसे गुलमर्ग में सर्दी के मौसम के दौरान यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं।
गुलमर्ग की स्थापना अंग्रेजों ने 1927 में अपने शासनकाल के दौरान की थी। गुलमर्ग का असली नाम गौरीमर्ग था जो यहां के चरवाहों ने इसे दिया था। 16वीं शताब्दी में सुल्तान युसुफ शाह ने इसका नाम गुलमर्ग रखा। आज यह सिर्फ पहाड़ों का शहर नहीं है, बल्कि यहां विश्व का सबसे बड़ा गोल्फ कोर्स और देश का प्रमुख स्कींग रिजॉर्ट है।
गोल्फ कोर्स :» गुलमर्ग के गोल्फ कोर्स विश्व के सबसे बड़े और हरे भरे गोल्फ कोर्स में से एक है। अंग्रेज यहां अपनी छुट्टियाँ बिताने आते थे। उन्होंने ही गोल्फ के शौकीनों के लिए 1904 में इन गोल्फ कोर्स की स्थापना की थी।
स्कींग रिजॉर्ट :» स्कींग में रुचि रखने वालों के लिए गुलमर्ग देश का नहीं बल्कि इसकी गिनती विश्व के सर्वोत्तम स्कींग रिजॉर्ट में की जाती है। दिसंबर में बर्फ गिरने के बाद यहां बड़ी संख्या में पर्यटक स्कींग करने आते हैं। यहां स्कींग करने के लिए ढ़लानों पर स्कींग करने का अनुभव होना चाहिए। जो लोग स्कींग सीखना शुरु कर रहे हैं, उनके लिए भी यह सही जगह है। यहां स्कींग की सभी सुविधाएं और अच्छे प्रशिक्षक भी मौजूद हैं।
खिलनमर्ग :» खिलनमर्ग गुलमर्ग के आंचल में बसी एक खूबसूरत घाटी है। यहां के हरे मैदानों में जंगली फूलों का सौंदर्य देखते ही बनता है। खिलनमर्ग से बर्फ से ढ़के हिमालय और कश्मीर घाटी का अदभूत नजारा देखा जा सकता है।
अलपाथर झील :» अलपाथर झील गुलमर्ग से 13 कि.मी दूर है चीड़ और देवदार के पेड़ों से घिरी यह झील अफरवात चोटी के नीचे स्थित है। और यह गुलमर्ग का पर्यटक स्थल भी है। इस झील की खासियत यह है कि, जून तक इसमें बर्फ जमी रहती है और गर्मियों में इसका पानी बर्फ के टुकडो संग निंगली नल्लाह में बहने लगता है। इस झील के आस पास बर्फ से ढक्की पहाडियाँ इसे और भी आकर्षक बनती है।
गोंडोला राईड :» गोंडोला राईड जो कि केबल कार है, गुलमर्ग का प्रमुख आकर्षक स्थल है। यह दो पांच कि.मी लम्बी राईड है, गुलमर्ग से कौंगडोर और कौंगडोर से अफरात। इस राईड में आप पूरे हिमालय पर्वत और गोंडोला गाँव को देख सकते हैं। कौंगडोर का गोंडोला स्टेशन 3099 मीटर और अफरात 3979 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। गोंडोला राईड भ्रमण के लिए बहुत ही बढिया साधन है।
दृंग :» दृंग की खोज हाल ही में हुई है, गुलमर्ग का सबसे बढिया पिकनिक स्पॉट है। सैलानी यहाँ कि खूबसूरती के साथ - साथ मछली पकड़ने का भी लुफ्त उठा सकते हैं। लिंमर्ग, गुलमर्ग का एक और पर्यटक स्थल है, जो अपनी प्राकृतिक सौन्दर्यता के लिए प्रसिद्ध है। देवदार के पेडों और सुन्दर फूलों से ढक्का यह प्रदेश कैम्पिंग और पर्यटक के लिए उत्तम स्थल हैं।
निंगली नल्लाह :» गुलमर्ग से आठ किमी दूर स्थित निंगली नल्लाह एक धारा है जो अफरात चोटी से पिघली बर्फ और अलपाथर झील के पानी से बनी है। यह सफेद धारा घाटी में गिरती है और अंतत: झेलम नदी में मिलती है। घाटी के साथ बहती यह धारा गुलमर्ग का एक प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट है।
बाबा रेशी की जियारत/बाबा रेशी की दरगाह :» यह मुसलमानों का एक प्रमुख धार्मिक केंद्र है। यह जियारत एक प्रसिद्ध मुस्लिम संत की याद में बनाई गई है जिनका इंतकाल 1480 में हुआ था। सन्यास लेने से पहले वे कश्मीर के राजा जिया-उल-अबिदीन के दरबारी थे। प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं।
गुलमर्ग जाने का सबसे अच्छा समय
वैसे तो सैलानी साल के किसी भी मौसम में गुलमर्ग घूमने जा सकते हैं। पर गुलमर्ग की खूबसूरती देखने का सबसे बढिया समय मार्च और अक्टूबर के बीच है।